ब्राह्मणत्व नाशक : प्रतिग्रह, भोजन और अविवेकपूर्ण विवाह के दुष्परिणाम - Brahmanatwa

ब्राह्मणत्व नाशक : प्रतिग्रह, भोजन और अविवेकपूर्ण विवाह के दुष्परिणाम – Brahmanatva

ब्राह्मणत्व नाशक : प्रतिग्रह, भोजन और अविवेकपूर्ण विवाह के दुष्परिणाम – Brahmanatwa : ब्राह्मण आत्मकल्याण प्राप्ति में सबसे ऊपर जन्मना होता है। जो सबसे ऊपर हो उसके पतन का और पतन होने पर अधिक चोटिल होने की संभावना भी अधिक होती है और इसलिये ब्राहणों के लिये शास्त्रों में अधिक कठोर नियम बताये गये हैं जिनका पालन करना सरल नहीं होता।

Read More
गुरु दीक्षा का महत्व - Diksha

गुरु दीक्षा का महत्व – Diksha

गुरु दीक्षा का महत्व – Diksha : यह लेख दीक्षा को एक गूढ़ आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसमें गुरु अपनी शक्ति और ईश्वरीय अनुग्रह से शिष्य के सीमित भाव को मिटाकर उसे उसके अनंत, शुद्ध शिवस्वरूप का बोध कराते हैं।

Read More
साधना कैसे करें? जानें सफलता और आत्मज्ञान का रहस्य - Sadhana

साधना कैसे करें? जानें सफलता और आत्मज्ञान का रहस्य – Sadhana

साधना कैसे करें? जानें सफलता और आत्मज्ञान का रहस्य – Sadhana : इस प्रकार भारत भूमि में जन्म लेने वाला मनुष्य यदि आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर न हो तो उससे अधम अन्य कोई नहीं हो सकता। आध्यात्मिक उन्नति के लिये साधना को समझना अनिवार्य है और इस आलेख में साधना की व्यापक चर्चा की गयी है जो साधकों के लिये लाभप्रद है।

Read More
उच्चारण दोष जिससे कर्मकांड बन जाए अभिशाप : Ghatak Karmkand

उच्चारण दोष जिससे कर्मकांड बन जाए अभिशाप : Ghatak Karmkand

उच्चारण दोष जिससे कर्मकांड बन जाए अभिशाप : Ghatak Karmkand : इस आलेख में विस्तृत चर्चा न करके एक पक्ष “कर्मकांड में उच्चारण दोष व उसके दुष्परिणाम” को पौराणिक कथानकों व प्रमाणों के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे।

Read More
पति-पत्नी का जीवन और अविच्छेद्य संबंध - Husband Wife Relationship

पति-पत्नी का जीवन और अविच्छेद्य संबंध – Husband Wife Relationship

पति-पत्नी का जीवन और अविच्छेद्य संबंध – Husband Wife Relationship : पति-पत्नी का संबंध भारतीय संस्कृति में कैसा होता है यह हमें शास्त्रों से ज्ञात होता है और सर्वप्रथम इसे समझने का प्रयास करते हैं।

Read More
पति और पत्नी का परम अन्योन्याश्रय संबंध - Husband Wife Relationship

दान: हेतु, अधिष्ठान, अंग, परिणाम, प्रकार, भेद, नाश – Donation Guide

दान: हेतु, अधिष्ठान, अंग, परिणाम, प्रकार, भेद, नाश – Donation Guide : दान के विषय में अनेकों तथ्य हैं जिनको जानना व समझना आवश्यक है, जिससे दान का उचित फल प्राप्त हो सके। यहां दान के हेतु, अधिष्ठान, अंग, प्रकार, भेद और विनाश तक, सभी पहलुओं को बड़े ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है।

Read More
पति और पत्नी का परम अन्योन्याश्रय संबंध - Husband Wife Relationship

हरि के भरोसे हांको गाड़ी – hari ke bharose hanko gadi

एक प्यारा भजन है “सुनो रे प्यारे भाई हरि के भरोसे हांको गाड़ी (hari ke bharose hanko gadi)” किन्तु क्या आप जानते हैं कि इसके लिये भगवान व धर्म में अटल विश्वास होना अनिवार्य है ! नास्तिकों की तो बात ही क्या करें जिसका विश्वास अटल नहीं है उसके लिये भी भगवान पर विश्वास कर पाना असंभव है, भले ही इस भजन को आजीवन गुनगुनाता क्यों न रहे। दूसरा पहलू यह भी है यदि आपका विश्वास अटल है तो संसार आपके विश्वास को तोड़ने का अथक प्रयास करेगा और संसार के इस अथक प्रयास के पश्चात् भी आपका विश्वास न टले तो ही अटल संज्ञक सिद्ध होगा।

Read More
असुरक्षित यौन संबंध : दोष और दुष्परिणाम - unprotected sex

असुरक्षित यौन संबंध : दोष और दुष्परिणाम – unprotected sex

असुरक्षित यौन संबंध : दोष और दुष्परिणाम – unprotected sex : सनातन का जागरण हो रहा है तो जागरण व उन्माद में अंतर भी समझना होगा। जो शास्त्र ज्ञान के बिना शास्त्र विरुद्ध आचरण करते हुये मात्र तीर्थों व मंदिरों में पर्यटन करने को सनातन का जागरण सिद्ध करते हैं वो पुनः भ्रमित कर रहे हैं। सनातन के जागरण का तात्पर्य है शास्त्र ज्ञान प्राप्त करते हुये आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास पुनः आरंभ हो।

Read More
कलिवर्ज्य प्रकरण : क्या आप जानते हैं कलयुग में क्या-क्या वर्जित है - kalivarjya

कलिवर्ज्य प्रकरण : क्या आप जानते हैं कलयुग में क्या-क्या वर्जित है – kalivarjya

कलिवर्ज्य प्रकरण : क्या आप जानते हैं कलयुग में क्या-क्या वर्जित है – kalivarjya : हम अनेकानेक ऐसे व्यवहार में भी लिप्त होते जो वास्तव में कलिवर्ज्य है किन्तु इसका हमें ज्ञान नहीं होता। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि हम जो कर रहे हैं वह शास्त्रसम्मत है किन्तु वास्तव में वह कलिवर्ज्य होता है। धर्मानुरागियों के लिये यह संकलन बहुत ही उपयोगी है।

Read More
ब्राह्मणवाद से भारत रसातल में कैसे चला गया, ब्राह्मणवाद अभिशाप क्यों बना ? what is brahmanwad

ब्राह्मणवाद से भारत रसातल में कैसे चला गया, ब्राह्मणवाद अभिशाप क्यों बना ? what is brahmanwad

ब्राह्मणवाद से भारत रसातल में कैसे चला गया, ब्राह्मणवाद अभिशाप क्यों बना ? what is brahmanwad : वामपंथियों/देशद्रोहियों की निर्लज्जता असीमित है और इसका प्रमाण यह है की ये भारतीय संस्कृति की निंदा करते हैं और विदेशी संस्कृति का प्रचार-प्रसार, ये भारतीय भाषा (हिन्दी-संस्कृत) का तो विरोध करते हैं किन्तु विदेशी भाषाओं (अंग्रेजी) के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़कर भागीदार बनते हैं। इनको ब्राह्मण जो भारतीय संस्कृति, अर्थव्यवस्था, राजनीति आदि का केन्द्रबिन्दु है वह आतंकी लगता है और जो म्लेच्छ यत्र-तत्र-सर्वत्र पत्थरबाजी, बमबाजी, बलात्कार, हिंसा आदि ही करते रहते हैं वो शांतिदूत लगता है।

Read More