
आचमन – achaman 1, 2, 3
आचमन विधि – पवित्रीकरण का मुख्य तात्पर्य ही आचमन है और अनेकानेक स्थिति में आचमन का विधान मिलता है। व्यवहार में भले ही पूजा-पाठ आदि के आरंभ में मात्र आचमन किया जाता है किन्तु पूजा-पाठ करते हुये भी अनेकानेक बार आचमन की आवश्यकता हो सकती है जो आलेख में स्पष्ट होता है। अनेकानेक आचमन की आवश्यकता होने पर आचमन के विकल्प भी बताये गये हैं।