कर्मकांड सीखें

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परिवार का विघटन कर्ता धर्ता कौन - parivar ka vighatan

परिवार का विघटन कर्ता धर्ता कौन – parivar ka vighatan

परिवार का विघटन कर्ता धर्ता कौन – parivar ka vighatan : GDP, मंहगाई, अर्थव्यवस्था, पूंजीवाद, साम्यवाद, नारी उत्थान, मानवाधिकार, जीवनशैली, गुणवत्ता आदि उन्हीं विषयों की उसी प्रकार से चर्चा करते हैं तो वह लुटेरा चाहता है। पूर्व आलेख में हमने यह समझा है कि हमसे क्या लूटा जा रहा है और अब हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि लुटेरा आखिर है कौन, किस प्रकार से परिवार का विघटन (parivar ka vighatan) हो रहा है, कर्ता धर्ता कौन है ?

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लुटेरा कौन - Lutera Kaun

लुटेरा कौन – Lutera Kaun

लुटेरा कौन – Lutera Kaun : देखा जो जा सकता है वो यही है कि लूटा क्या जा रहा है और किसको लूटा जा रहा है, किन्तु इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सभी लुट रहे हैं किन्तु कोई भी “चूं” करने को तैयार नहीं है अथवा समझ भी नहीं पा रहा है कि उसे भी लूटा गया है।

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एक ऐसा मदारी और बंदर का खेल जो चौंका देगा - madari aur bandar ka khel

एक ऐसा मदारी और बंदर का खेल जो चौंका देगा – madari aur bandar ka khel

एएक ऐसा मदारी और बंदर का खेल जो चौंका देगा – madari aur bandar ka khel : सामान्य जनों को क्या खाना है, क्या पहनना है, कहां घूमना है और यहां तक कि क्या देखना-सुनना है यह भी कोई और निर्धारित करता है। हमें अंतर्जाल, सोशल मीडिया, मेन स्ट्रीम मीडिया पर भी वही देखने-सुनने को मिलता है जो वह मदारी दिखाना चाहता है।

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क्या सनातन सिद्धांतों को विज्ञान द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य है - Dharm aur Vaigyanita

क्या सनातन सिद्धांतों को विज्ञान द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य है – Dharm aur Vaigyanita

क्या सनातन सिद्धांतों को विज्ञान द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य है – Dharm aur Vaigyanita : धर्म और अध्यात्म की सीमा का आरम्भ ही वहां से होता है जहां विज्ञान की सीमा समाप्त हो जाती है और विज्ञान की कसौटी पर धार्मिक सिद्धांतों को कसने का प्रयास करना एक कुकृत्य ही है।

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श्वेताश्वतरोपनिषद - shwetashwatar upanishad

श्वेताश्वतरोपनिषद – shwetashwatar upanishad

श्वेताश्वतरोपनिषद – Shwetashwataropanishad : वेदों के पश्चात् उपनिषदों को ही महत्वपूर्ण ग्रन्थ कहा जाता है। उपनिषदों में श्वेताश्वतरोपनिषद का महत्वपूर्ण स्थान है। श्वेताश्वतरोपनिषद में कुल छः अध्याय हैं जिनमें आपको अनेकों वेदमंत्र भी देखने को मिलते हैं। यहां श्वेताश्वतरोपनिषद (shwetashwatar upanishad) संस्कृत में दिया गया है।

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आधुनिकतावादी का देखो छल बल, रच रहे अंधविश्वास का दलदल

आधुनिकतावादी का देखो छल बल, रच रहे अंधविश्वास का दलदल

आधुनिकतावादी का देखो छल बल, रच रहे अंधविश्वास का दलदल : यदि कोई अंधविश्वास बोले तो उससे पूछो अंधविश्वास क्या है ? और जिसे विषय को तुम अंधविश्वास कह रहे हो वह अंधविश्वास है ये सिद्ध करो। यदि तुमने ऐसा प्रश्न मात्र कर दिया तो ये सर पर पांव रखकर भागने लगेंगे।

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पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं - punarjagran se aap kya samajhte hain

पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं – punarjagran se aap kya samajhte hain

पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं – punarjagran se aap kya samajhte hain : एक दिन में एक बार सोना-और-जगना निर्धारित है और इसमें पुनः का प्रयोग नहीं होगा किन्तु यदि दो बार हो तो पुनः प्रयुक्त होगा। इस प्रकार दुबारा सोने पर पुनर्शयन कहा जायेगा और पुनः उठने पर पुनर्जागरण।

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