
शास्त्रों में अस्पृश्यता और वैधानिक समाधान से अस्पृश्यता का अंत – asprishyata kya hai
शास्त्रों में अस्पृश्यता और वैधानिक समाधान से अस्पृश्यता का अंत – asprishyata kya hai : अस्पृश्यता की यहां जो व्याख्या की गयी है वह उस अस्पृश्यता से भिन्न है जिसका संविधान निषेध करता है और राजनीतिक रूप से कही-समझी जाती है। जिस अस्पृश्यता को राजनीतिक रूप से अपराध कहा गया है वह शास्त्रोक्त रूप से भी निषिद्ध ही है। किन्तु शास्त्रों में अस्पृश्यता की जो व्याख्या है वह राजनीतिक अस्पृश्यता की परिधि से बाहर है, आध्यात्मिक जीवन का अंग है इसके कुछ अपवाद भी हो सकते हैं।