यदि आपको कर्मकांडी बनना है तो इन्हें अच्छी तरह से समझें : रस्म रिवाज परम्परा प्रथा और विधि विधान

यदि आपको कर्मकांडी बनना है तो इन्हें अच्छी तरह से समझें : रस्म रिवाज परम्परा प्रथा और विधि विधान

यदि आपको कर्मकांडी बनना है तो इन्हें अच्छी तरह से समझें : रस्म रिवाज परम्परा प्रथा और विधि विधान : इस आलेख में शब्द का महत्व स्पष्ट करते हुये यह बताया गया है कि रीति-परंपरा-प्रथा-विधि-विधान आदि शब्दों के स्थान पर रस्म-रिवाज़ जैसे शब्दों का प्रयोग करना उचित नहीं है, इसी प्रकार से विवाह के लिये शादी-मैरिज आदि शब्दों का प्रयोग करना भी अनुचित है। इसके साथ ही परम्परा और विधान के संबंध में उदाहरण सहित विस्तृत चर्चा की गयी है एवं परम्परा और विधान के अंतर को गंभीरता से समझने के लिये दोनों के पर्याप्त उदाहरण भी प्रस्तुत किये गये हैं।

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क्या कर्मकांडी का ब्राह्मण कुल में जन्म लेना अनिवार्य है ? ब्राह्मण जन्म से या कर्म से - brahman janm se ya karm se

क्या कर्मकांडी का ब्राह्मण कुल में जन्म लेना अनिवार्य है ? ब्राह्मण जन्म से या कर्म से – brahman janm se ya karm se

क्या कर्मकांडी का ब्राह्मण कुल में जन्म लेना अनिवार्य है ? ब्राह्मण जन्म से या कर्म से – brahman janm se ya karm se : वर्ण का निर्धारण जन्म से ही होता है, कर्म से नहीं अपितु कर्म का निर्धारण वर्ण से होता है और इसीलिये ब्राह्मण के कर्म, क्षत्रिय के कर्म आदि कहे गये हैं। कुछ लोग कर्म से वर्ण का कुतर्क रचते हैं जो कि भयावह है। जन्म से जितने गुण-तेज-दिव्यता की प्राप्ति होती है उसका मात्र आधा ही अर्जित किया जा सकता है। इस प्रकार एक कर्मकांडी के लिये यह आवश्यक है कि वह जन्म से ब्राह्मण हो।

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